श्रीमद्भावगत कथा शुरू


श्रीबेगसर बालाजी मन्दिर में बुधवार २१ अप्रेल को सुबह ८ बजे श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। स्व. सेठ श्री मोहनलालजी अग्रवाल एवं स्व. श्रीमती किस्तूरीदेवी अग्रवाल की पुण्य स्मृति में डीडवाना प्रवासी बेगसरवाला परिवार की ओर से कथा का आयोजन किया जा रहा है। मेड़ता रोड़ से पधारे श्री अशोक भाई दाधीच यहां पर कथावाचन कर रहे है।


‘श्रीमद्भागवत सब ग्रन्थों का सार’
श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर में श्रीमद्भागवत कथा
भागवत कथा में सभी देवी-देवता सूक्ष्म रूप से विराजमान रहते है। वहीं श्रीमद्ïभागवत कथा सब ग्रन्थों का सार है। जिसके श्रवण मात्र से मनुष्य अपने ईहलोक के साथ ही परलोक दोनों को सुधार सकता है। उक्त विचार कथावाचक पं. अशोकभाई दाधीच ने बुधवार को भागवत कथा में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए।
क्षेत्र के सुप्रसिद्ध श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर प्रांगण में आयोजित कथा में उन्होनें कहा कि इस संसार रूपी भवसागर की भूलभुलैया से निकलने के लिए भगवान के चरित्र की महिमा श्रवण ही कलयुग में एक मात्र उपाय है। मोक्ष प्राप्ति के लिए जप, तप, यज्ञ एवं नाम सुमिरन के साथ ही भगवन्न महिमा का श्रवण सर्वश्रेष्ठï मार्ग है। उन्होनें कहा कि वर्तमान में मनुष्य विभिन्न दुव्र्यसनों एवं कुसंगति में पडक़र अपने इह लोक को तो नष्टï कर ही रहा है वहीं अपने परलोक को भी बिगाड़ रहा है। कुसंगति के दुष्परिणामों से बचने का सबसे अच्छा उपाय है संतों की संगत करना एवं उनके बताए मार्ग पर चलना। संगीतमयी भागवत कथा आयोजन के शुभारम्भ के मौके पर उन्होनेंं भागवत महात्म्य की सुन्दर शैली में व्याख्या की।
इससे पूर्व डीडवाना के बेगसरवाला परिवार के सदस्यों ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। मन्दिर में प्रतिदिन सुबह ८ बजे से ११ बजे तथा दोपहर ३ से ६ बजे तक संगीतमयी कथा का आयोजन किया जा रहा है।


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