स्वर्णजयंति महोत्सव का चतुर्थ दिन: संत निवृत्तिनाथ महाराज के प्रवचन

भक्ति के बिना मानव जीवन अधूरा
श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर के स्वर्णजयंति महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को प्रवचन करते संत निवृत्तिनाथ महाराज।
बेगसरबालाजी मन्दिर का स्वर्णजयंति महोत्सव
रूद्री पाठ के साथ किया आशुतोष का अभिषेक
श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर के स्वर्णजयंति महोत्सव के चौथे दिन मौजूद श्रद्धालु।
श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर के स्वर्णजयंति महोत्सव के चौथे दिन मौजूद श्रद्धालु।
संत निवृत्तिनाथ महाराज ने कहा कि मनुष्य में जब तक भक्ति का उद्गम नहीं होता, मानव जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो सकती। सत्कर्मों के प्रताप एवं संतों के सानिध्य से सहज ही भक्ति का मार्ग मिल जाता है। वे श्रीबेगसर बालाजी मन्दिर के स्वर्णजयंति महोत्सव के चौथे दिन प्रवचन कर रहे थे। उन्होनें कहा कि शबरी के जीवन से भक्ति को जाना जा सकता है। रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास ने नवधा भक्ति के बारे में सुन्दर वर्णन किया है। निवृत्तिनाथ महाराज ने कहा कि भगवान कभी भी जाति-पांति, ऊंच-नीच एवं अमीर-गरीब का भेद नहीं करते। भगवान तो भक्तों के प्रेम एवं श्रद्घा के वशीभूत रहते है। उन्होनें कहा कि ईश्वर का दर्शन चर्म चक्षुओं से संभव नहीं है। इसके लिए अंतरात्मा के अनुभव की आवश्यकता है। जो मनुष्य व्यर्थ की ऊहापोह में समय व्यतीत कर देता है वह समय पुन: लौटकर नहीं आ सकता तथा उसका आध्यात्मिक रूप से कोई फायदा नहीं मिल सकता। जबकि उस समय को मनुष्य सद्ïचिंतन एवं स्वाध्याय में लगाया है वह ब्याज सहित लौटाने वाली बैंक में जमा हो जाता है। इस मौके पर बल्डाधाम के महंत सीतारामदास महाराज ने मन्दिर पहुंचकर बेगसरबालाजी के दर्शन किए। महाराज ने सबके कल्याण की कामना करते हुए भजनों का आनन्द लिया।
प्रभात फेरी में गूंजे जयकारे
इससे पूर्व शुक्रवार सुबह प्रभात फेरी निकाली गई। जिसके तहत श्रद्धालुओं ने सुबह छह बजे मन्दिर से रामनाम धुन एवं हरिकीर्तन और जयकारे  लगाते हुए ग्राम के रघुनाथजी के मन्दिर, माताजी के थान होते हुए केशरिया कंवरजी और रामदेवजी के मन्दिर तथा गौशाला होते हुए वापस प्राचीन बेगसरबालाजी मन्दिर पहुंचे। जहां पर हनुमान चालीसा का पाठ कर प्रभात फेरी पूर्ण की गई। 
रूद्री के मंत्रों के साथ भोले का अभिषेक
श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर: रूद्राभिषेक कार्यक्रम के तहत पूजा अर्चना करते श्रद्धालु।
स्वर्णजयंति कार्यक्रमों की शृंखला में शुक्रंवार सुबह मन्दिर परिसर में रूद्रभिषेक कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुजानगढ़ चुरू से आए पण्डितों ने पं. बृजमोहन शर्मा के सानिध्य में रूद्री के मंत्रों का सस्वर उच्चारण करते हुए आशुतोष का अभिषेक करवाया। 






श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर स्वर्णजयंति महोत्सव पहुंचे महंत सीतारामदास महाराज को स्मृतिचिह्न भेंट करते आयोजक।







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