श्रीबेगसरबालाजी स्वर्णजयंति महोत्सव : तृतीय दिवस

जीवन प्रबन्धन में सहायक है हनुमान का चरित्र 


* सुन्दरकाण्ड पर व्याख्यान में पं. मेहता ने बताए सफलता के सूत्र
* यज्ञ में आहूतियां देकर की सुख समृद्धि की कामना
* बेगसरबालाजी मन्दिर का स्वर्णजयंति महोत्सव
* सजी भक्ति संध्या



जीवन प्रबन्धन सूत्र के प्रणेता पं. विजयशंकर मेहता ने कहा कि भौतिक जीवन में यदि योग साधा जाए तो हम संसार और संसार बनाने वाले दोनों का आनंद ले पाएंगे। योग का श्रेष्ठ परिणाम हमारे जीवन में ध्यान घट जाना है। हनुमान चालीसा के माध्यम से ध्यान करने पर जीवन अलग ही दिव्य रूप ले लेता है। वे श्रीबेगसर बालाजी मन्दिर के स्वर्णजयंति महोत्सव में गुरूवार को हनुमानचालीसा से जीवन प्रबन्धन के सूत्र विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। 
उन्होनें कहा कि मनुष्य किसी भी क्षेत्र का हो उसे तीन मार्ग चलकर अपना लक्ष्य प्राप्त करना है और वे है ज्ञान, कर्म और उपासना। आज के समय में हर कार्य को शॉर्ट, क्विक और परफेक्ट होकर करने करने की उम्मीद की जाती है। गोस्वामी तुलसीदासजी ने हनुमानचालीसा नामक ऐसा ही संक्षिप्त साहित्य लिखा है जिसका पाठ ३ से ५ मिनट में पूरा हो जाता है। पं. मेहता ने बताया कि हनुमानजी जीवनप्रबन्धन के गुरू है। जीवन के हर क्षेत्र में स्थितियों, समस्याओं से कैसे निपटा जाए, यह उनका चरित्र हमें सिखाता है। वे परमभक्त है, हम जब उन्हें अपने जीवन में उतारते है तो हम भी भक्त होने लगते है। 
आहूतियां देकर की सुख समृद्धि की कामना
इससे पूर्व गुरूवार सुबह मन्दिर परिसर में आयोजित हनुमद्-गायत्री यज्ञ की पूर्णाहूति की गई। गायत्री परिवार की ओर से आयोजित यज्ञ में श्रद्धालुओं ने सुख समृद्धि और विश्वकल्याण के निमित्त आहूतियां दी। यज्ञाचार्य साहिबसिंह वर्मा ने गायत्री, हनुमान, महामृत्युंजय मंत्रों के उच्चारण के साथ यज्ञ की व्याख्या करते हुए इसे जीवन में उतारने का संदेश दिया। 
गूंजी सुन्दरकांड की चौपाईयां
स्वर्णजयंति कार्यक्रमों की शृंखला में गत रात्रि संगीतमय सुन्दरकाण्ड पाठ एवं भक्तिसंध्या का आयोजन किया गया। जिसमें डीडवाना से आई कु. आरती एवं शीतल ने संगीत की स्वरलहरियों के साथ सुन्दरकाण्ड की चौपाईयों का सस्वर पठन किया। उन्होनें इस मौके पर हनुमान, कृष्ण और मां दुर्गा को समर्पित भजनों की प्रस्तुतियां भी दी। 
आज के कार्यक्रम
स्वर्णजयंति महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह ६ बजे प्रभात फेरी के बाद १० बजे से भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कार्यक्रम होगा। दोपहर ४ बजे से आयोजित विचार सत्र में निवृत्तिनाथ महाराज का प्रवचन होगा। जबकि सायं ७ बजे से भक्ति-संध्या होगी।





















Comments