श्रीबेगसरबालाजी मन्दिर में पौषबड़ा महोत्सव-2

‘...लाल लंगोटो, हाथ मं घोटो’
रातभर जमी भजनसंध्या, श्रद्धालुओं ने जमकर ठुमके लगाए
श्रीबेगसर बालाजी मन्दिर में मंगलवार रात्रि आयोजित एक शाम बेगसर बालाजी के नाम भजनसंध्या में आमंत्रित कलाकारों ने भजनों की शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं श्रद्धालओं ने भी भजनों की धुन पर ठुमके लगाकर आनन्द लिया।

भजन संध्या में सारड़ी से आई कलाकार रमा बाई ने ‘लाल लंगोटो थारे हाथ मं घोटो’ एवं ‘घूमादे म्हारा बालाजी घमर घमर घोटो’ भजनों की प्रस्तुत देकर श्रद्धालुओं को ठुमके लगाने को मजबूर कर दिया। उन्होनें ‘वन चले राम रघुराई’ के माध्यम से राम-लक्ष्मण एवं सीता के वनगमन के प्रसंग को जीवंत कर दिया। जबकि ‘मत भूल अरे इन्सान’, ‘राणांजी थारो देशड़लो रंग रूड़ो’ एवं ‘यशोमति मैया से बोले नन्दलाला’ प्रस्तुत कर उपस्थिजनों को भाव विभोर कर दिया। सुजानगढ़ के कलाकार रामरतन ने ‘अरे द्वारपालों कन्हैया से कहदो’ एवं ‘देखलो मेरे दिल के नगीने में, श्रीराम-जानकी बैठे है मेरे सीने में’ पेश किए। रोतभर चली भजन संध्या में ढ़ोलक पर भागीरथ कावा जसवन्तगढ़ एवं ऑर्गन पर रामरतन ने संगत की। भजन संध्या का आगाज गणेश वन्दना एवं सरस्वती वन्दना से हुआ। इससे पूर्व श्रीबेगसरबालाजी को दाल का हलुआ एवं बड़ों का भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया गया।

सांस्कृतिक
जागरण जरूरी

रामापीर परिषद् के संयोजक श्यामप्रतापसिंह राठौड़ ने कहा कि वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति का सीध हमला हमारी परम्पराओं हो रहा है। जो चिंताजनक है। उन्होनें बेगसर बालाजी भक्त मण्डल की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ऐसे सांस्कृतिक जागरण के आयोजन ही इस प्रदूषण से समाज को मुक्त कर सकते है।





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