श्रीबेगसरबालाजी स्तुति

बेगसर बालाजी महाराज, पधारे भक्त सुधारण काज।

द्विज मोतीलालजी का लाला, पण्डित गौरीदत्त गुणवाला।
साण्डिल्य गौड़ वंश द्विजराज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

पणिडत राम भजन से राजी, सेवा बालाजी की साजी।
करते भविष्य की आवाज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

बनाया बालाजी का धाम, जिसमें मकराना का काम।
प्रथम पूज्य श्रीगणराज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

महिमा महामंदिर की भारी, दर्शन आवे नर और नारी।
राखे शरणागत की लाज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

संवत दोय हजार अठारा, महीना पौष सुद पखवारा।
तेरस के दिन यज्ञ समाज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

चैनसिंह चरणां शीश नवावे, महिमा बालाजी की गावे।
बज रहे पेटी तबला साज, पधारे भक्त सुधारण काज॥

रचियताः ब्रह्मलीन श्रीचैनसिंहजी


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